भारत माता कविता जब लिखी गयी थी उस समय भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था। भारत माता गुलामी की बेड़ियों से जकड़ी हुई थी भारत माता कविता श्री सुमित्रानन्दन पंत द्वारा जनवरी 1940 में लिखी गई थी। उस समय देश में दीनता, विपन्नता तथा विषाद की स्थिति थी जिसका कि पन्तजी ने अपनी इस रचना में काफी रोचक वर्णन किया है। उस समय की तुलना में आज भारत एक स्वतंत्र एवं लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में विश्व में अपनी महत्ता रखता है। भारतवासियों की देशभक्ति एवं राष्ट्रप्रेम ने अपने प्रयासों से 15 अगस्त, 1947 को भारत माता को पराधीनता की बेड़ियों से मुक्त करा दिया।
वैसे देश में आज भी गरीबी एवं विपन्नता है, किन्तु पराधीनता की स्थिति से आज हम बेहतर स्थिति में है। आज हमारी अपनी सरकार है जो देशवासियों की प्रगति एवं विकास के लिए निरन्तर प्रयत्नशील है। आज भारतवासियों के सामने उज्जवल भविष्य है। आज देश खाद्यान्न के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर होता जा रहा है। अन्य कई क्षेत्रों में भी प्रगति की है। संक्षेप में कहें तो पूर्वकाल की अपेक्षा वर्तमान भारत के सामने एक सुनहरे भविष्य का स्वरूप नजर आ रहा है।